अहमदाबाद की मिल हड़ताल (Ahmedabad Mill Strike 1918)–महात्मा गांधीजी का अगला प्रयोग 1918 में अहमदाबाद की एक कॉटन टैक्सटाइल मिल में मिल मालिक और मजदूरों के बीच मजदूरी बढ़ाने के सिलसिले में चल रहे विवाद में हस्तक्षेप करना रहा था.
महात्मा गांधीजी ने मजदूरों की मजदूरी में 35 प्रतिशत की वृद्धि का समर्थन कर उन्हें हड़ताल पर जाने का सुझाव दिया.
मजदूरों की हड़ताल जारी रखने के संकल्प को बल देने के लिए उन्होंने आमरण अनशन किया.
21 दिन की हड़ताल के बाद आखिर में मिल मालिकों ने मजदूरी 35 प्रतिशत बढ़ानी स्वीकार कर ली.
इस संघर्ष में अम्बालाल सरभाई की बहिन अनसुया बेन महात्मा गांधीजी की मुख्य सहयोगी रही, जबकि इनका भाई जो कि गांधीजी का दोस्त भी था मुख्य विरोधी रहा था.