नमस्ते दोस्तों आज हम सांप और आरी (Snake and hacksaw)की कहानी को समझेंगे, एक घना जंगल था. उस जंगल में बहुत सारे बड़े-बड़े विशाल पेड़ थे. पेड़ काटने के लिए एक लकड़हारा रोज अपनी आरी लेकर जंगल जाया करता था. उस लकड़हारे को जंगल में एक काटने जैसा पेड़ मिल गया. और वह लकड़हारा वह पेड़ काटने लगा. लेकिन लकड़हारे को यह कहां पता था ,कि उस पेड़ के भीतर एक सांप रहता है. जब वह लकड़हारा अपनी आरी से पेड़ काट रहा था तो उस पेड़ के अंदर रहने वाले सांप को आरी लग गई. सांप जख्मी हो गया, उसके बदन से खून निकलने लगा. सांप गुस्से से बिलबिला उठा और झट से बाहर आया. और उसने देखा कि एक आरी पेड़ को काटते काटते उसे भी काट रही है. सांप को उस आरी पर बहुत गुस्सा आया .सांप ने सोचा कि अब इस आरी से मैं बदला लूंगा. जब सांप ने बदला लेने का सोच लिया तो वह सोचने लगा कि मैं बदला कैसे लूं. कुछ देर बाद लकड़हारा आरी वहीं छोड़ कर खाना खाने लगा. सांप ने देख लिया की आरी अकेली खड़ी है तो वह आरी के पास जाकर उसे काटने लगा. सांप ने गुस्से में आरी को इतना काटा कि, उसके दांत टूट गए. अब सांप सोचने लगा की आरी को कुछ नहीं हुआ लेकिन मेरे दांत टूट गए.
चलो कोई बात नहीं ,बदला तो लेना ही है अब सांप को नई तरकीब सूची. सांप ने उस आरी को चारों ओर से लपेट लिया. लपेटने के बाद सांप ने उस आरी को बहुत जोरों से दबा के मार डालने की कोशिश की लेकिन वह असफल रहा. उसे पता ही नहीं चला कि अब वह उस आरी को मारते-मारते खुद ही कटकर मर गया.
तो दोस्तों क्या लगता है क्या तात्पर्य है इस कहानी का?
बदला और नफरत खुद को ही खत्म कर देती है. इसलिए बदला और नफरत अपने दिमाग में नहीं होनी चाहिए.