मुगल कालीन सामाजिक अवस्था (Social status of Mughal era) मुगल कालीन भारत (India During the Mughals)
मुगल कालीन सामाजिक अवस्था
समाज में वर्ग
- समाज में मुख्यतः तीन वर्ग अस्तित्व में थे-
- निम्न वर्ग ,
- मध्यम वर्ग और
- उच्च वर्ग अस्तित्व में थे.
निम्न वर्ग
- निम्न या जनसाधारण वर्ग में किसान, मजदूर, दस्तकार, नौकर, दास, भिखारी आदि शामिल थे.
- चावल, बाजरा, दाल आदि का इनका प्रचलित आहार था.
- खाने के बाद जनसाधारण लोग भी पान का सेवन करते थे.
- जनसाधारण का जीवन बहुत कठिन था.
मध्यम वर्ग
- मुगलकाल के मध्यम वर्ग में इतिहासकार, व्यापारी, वैद्य, हकीम, मध्य स्तर के सरकारी अधिकारी, धार्मिक नेता, विद्वान, कलाकार, सर्राफ तथा निजी व्यवसाय करने वाले लोगों को शामिल किया जाता था.
- यद्यपि इस वर्ग के लोगों की इच्छा होती थी कि वे शासक वर्ग की तरह ठाठ-बाठ से रहें, लेकिन उनकी तुलना में आय कम होने के कारण इन्हें निराशा होती थी.
उच्च वर्ग
- उच्च वर्ग में मुगल सम्राट् के अतिरिक्त प्रान्तीय प्रशासक या सूबेदार, बड़े-बड़े उच्च उमरा या सरकार, बड़े-बड़े जमींदार, राजपूत राजा, उच्च मनसबदार तथा सशस्त्र सेना के विभिन्न अधिकारी शामिल थे.
- इनका जीवन स्तर बहुत ऊँचा था.
- इनके विशाल भवन प्रायः विशाल किलों में बने होते थे.
- इस वर्ग का जीवन स्तर बहुत ही विलासी था.
- अनेक लोग अपनी आय से ज्यादा व्यय करने के कारण सफओं तथा उच्च व्यापारियों के ऋणी के रूप में ही मर जाते थे.
- ये किसानों एवं अन्य लोगों से कई प्रकार के बेगार लेते थे.
- मुगल काल में अधिकतर लोग संयुक्त परिवार में रहते थे.
- ‘कुटुम्ब’ पारिवारिक जीवन की मुख्य संस्था थी.
- हिन्दू तथा मुस्लिम दोनों ही सम्प्रदाय स्त्रियों की अपेक्षा पुरुषों को और पुत्री की अपेक्षा पुत्र को प्राथमिकता देते थे.
जाति प्रथा
- हिन्दू समाज में जाति प्रथा, ऊँच-नीच तथा छुआ-छुत की भावना प्रचलित थी.
- मुसलमानों में भी किसी-न-किसी आधार पर ऊँच-नीच की भावना प्रचलित थी.
- अकबर के काल में तथा उसके पश्चात् हिन्दू और मुस्लिमों के हार्दिक घनिष्ठता स्थापित होने लगी तथा
- देश में एक मिली-जुली संस्कृति एवं विभिन्नता में एकता की भावना सुदृढ़ हुई है.
मुगल कालीन स्त्री
- मुगल कालीन भारत में भी स्त्रियों के कार्य और उनकी स्थिति विशेष रूप से अधीनस्थ रही
- कालान्तर में पुरुष की सेवा और जीवन के प्रत्येक चरण में उस पर निर्भर रहना ही क्रमशः उसके कार्य और स्थिति माने जाने लगे.
- राजपूतों में कन्या का जन्म अब भी बुरा माना जाता था.
- पर्दा-प्रथा प्रचलित थी, किन्तु इस युग में कुछ महिलाएं इस प्रथा का पालन नहीं करती थीं.
- हिन्दुओं में मुस्लिमों की अपेक्षा विवाह अधिक छोटी उम्र में होता था.
- अकबर ने बाल-विवाह पर नियन्त्रण करने का प्रयत्न किया.
भोजन और मनोरंजन
- इस युग में भारतीय भोजन व्यापक तथा विभिन्न किस्मों के पकवानों का होता था.
- लोगों का खान-पान उनकी आर्थिक क्षमता पर आधारित था.
- विभिन्न खाद्यान्न, फल, सब्जियाँ, दूध, घी, मक्खन, मिठायां आदि का सेवन किया जाता था.
- लोग, शराब, ताड़ी भांग, अफीम आदि नशीले पदार्थों का भी प्रयोग करते थे.
- सैनिक और शरीरिक खेल उस काल में मनोरंजन के प्रमख साधन थे.
- सैनिक खेलों में पोलो, पटेबाजी, मल्लयुद्ध, घुड़दौड़, कुत्ते दौड़ाना, तीरंदाजी आदि अनेक खेल लोकप्रिय थे.
- शिकार खेलना, मछली पकड़ना तथा विभिन्न उत्सव व त्यौहार आदि के द्वारा भी मनोरंजन किया जाता था.
आभूषण तथा श्रृंगार
- लोग विभिन्न प्रकार के वस्त्र, आभूषण तथा श्रृंगार प्रसाधनों का प्रयोग करते थे.
- हिन्दू पुरुष धोती कुर्ता, कमीज, टोपी, कोट, नियान, जांघिया तथा पगड़ी आदि पहनते थे तथा महिलाएं साड़ी, ब्लाउज, पेटीकोट, अंगिया, बनियान, घाघरा, सलवार, कजीज आदि पहनती थीं.
- मुस्लिम पुरुष कोट एवं चूड़ीदार पायजामा, सलवार, लम्बी या गोल टोपी आदि पहने थे तथा महिलाएं पायजामा, सलवार, कुर्ता तथा बुरका आदि पहनती थीं.
- अकबर कालीन इतिहासकार अबुल फज़ल ने उन 37 प्रकार के आभूषणों का उल्लेख किया है जो उस समय प्रचलित थे.
- लोग शरीर पर इत्र और सुगन्धित तेल की मालिश करते थे तथाकई लोग बुढ़ापे में सिर तथा दाढ़ी रंगते थे.
हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही अपनी संस्कृति के अनुरूप अनेक रीति-रिवाजों, उत्सवों और विश्वासों का पालन करते थे. के काल में हिन्दू तथा मुस्लिम एक-दूसरे के उत्सवों में सहर्ष शामिल होते थे.
मुगल कालीन सामाजिक अवस्था