सल्तनत कालीन साहित्य (Sultanate period literature in Hindi)–
सल्तनत कालीन साहित्य
चचनाना
- इस ग्रंथ में अरबों द्वारा सिंध विजय का वर्णन है.
- इसके लेखक अली अहमद थे, जिन्होंने अरबी में लिखा था.
- नासिरुद्दीन कुबाचा के समय इसका फारसी अनुवाद अली बिन बफ कूफी ने किया था.
किताब-उल-यामिनी
- अबू नस्र बिन मुहम्मद अल जबरूल उतवी ने इसे लिखा .
- इसमें सुबुक्तगीन से महमूद गजनवी के शासन का 1020 ई. तक के इतिहास का वर्णन है.
जैन-उल-अखबार
- अबू सईद द्वारा रचित इस ग्रंथ में महमूद गजनवी तथा ईरान के इतिहास पर प्रकाश पड़ता है.
तारीखे मासूमी या तारीख-ए-सिंध
- मीर मुहम्मद मासूम द्वारा लिखित इस ग्रंथ में अरबों की विजय से लेकर अकबर के शासनकाल तक का इतिहास है.
तारीख-ए-मसूदी
- अबुल फजल मुहम्मद बिन हुसैन अल बहरी ने इस ग्रंथ की रचना की थी.
- इसमें महमूद गजनवी तथा मसूद का इतिहास वर्णित है.
तारीख-उल-हिन्द (किताबुल हिन्द)
- महमूद गजनवी के साथ आए अल्बरूनी ने 11वीं शताब्दी में इसे लिखा था.
- अरबी भाषा में लिखी इस किताब में 11वीं शती के भारत की राजनीतिक एवं सामाजिक दशा का वर्णन है.
तबकाते नासिरी
- मिनहास-उस-सिराज द्वारा लिखित इस किताब में मुहम्मद के भारत विजय तथा तुर्की सल्तनत का 1260 ई. तक के इतिहास की जानकारी मिलती है.
- नासिरुद्दीन के मुख्य काजी मिनहाज ने अपनी इस कृति को अपने शासक महमूद को समर्पित की थी.
ताजुल मआसिर
- इसमें गोरी के भारत आक्रमण के समय की घटनाओं की जानकारी मिलती है.
- इसके लेखक हसन निजामी थे.
तारीख-ए-फिरोजशाही
- जियाउद्दीन बरनी द्वारा रचित इस ग्रंथ में बलबन के राज्याभिषेक से लेकर फिरोज तुगलक के शासन के 60(??) वर्ष तक की जानकारी दी गई है.
फतवा-ए-जहाँदारी
- जियाउद्दीन बरनी की इस कृति में सल्तनतकालीन राजनीतिक विचारधारा को प्रस्तुत किया गया है.
कमीत-उल-तवारीख
- शेख अब्दुल हसन (अब्दुल असार) द्वारा 1230 में रचित इस ग्रंथ में मध्य एशिया के गोर शंसबनी राजवंश के इतिहास के विषय में जानकारी मिलती है.
फुतूह-उस-सलातीन
- ख्वाजा इसामी द्वारा रचित इस ग्रंथ में गजनवी वंश से लेकर मुहम्मद-बिन-तुगलक के समय तक का काव्यात्मक इतिहास मिलता है.
- यह पुस्तक बहमनी वंश के प्रथम शासक अलाउद्दीन को समर्पित है.
तारीख-ए-फिरोजशाही (सल्तनत कालीन साहित्य)
- इस ग्रंथ के रचयिता शम्स-ए-सिराज अफीफ थे.
- इस ग्रंथ में फिरोज तुगलक के शासन काल एवं तुगलक वंश के पतन के बारे में जानकारी प्राप्त होती है.
फतुहाते फिरोजशाही
- यह फिरोज तुगलक की आत्मकथा है.
- यह फिरोज तुगलक के अध्यादेशों का संग्रह भी है.
सीराते फिरोजशाही
- इस ग्रंथ में फिरोज तुगलक के बारे में लिखा गया है.
- इसके लेखक का नाम अज्ञात है.
तारीख-ए-मुबारकशाही
- याहिया-बिन-अहमद सरहिन्दी द्वारा रचित इस ग्रंथ में तुगलक काल के बाद सैय्यद वंश के विषय में जानकारी प्राप्त होती है.
- सैयद वंश का इतिहास जानने का यह एकमात्र स्रोत है.
अमीर खुसरो की महत्वपूर्ण कृतियाँ (सल्तनत कालीन साहित्य)
खजाइन-उल-फुतूह
- दूसरे नाम ‘तारीखे अलाई’ के नाम से भी प्रसिद्ध इस ग्रंथ में अलाउद्दीन खिलजी के शासनकाल के शुरू के 15 वषों की घटनाओं का उल्लेख है.
किरान-उस-सादैन
- अमीर खुसरो द्वारा 1289 में रचित इस ग्रंथ में बुगरा खाँ और उसके बेटे कैकुबाद के मिलन की ऐतिहासिक घटना का वर्णन है.
मिफता-उल-फतह
- 1291 में अमीर खुसरो द्वारा रचित इस ग्रंथ में जलालुद्दीन खिजली के सैन्य अभियानों, रणथम्भौर पर सुल्तान की चढ़ाई, झायन की बिजयों तथा मलिक छज्जू के विद्रोह और उसका दमन का वर्णन मिलता है.
नूहसिपेहर
- अमीर खुसरो ने अपनी इस कृति में कुतुबुद्दीन मुबारकशाह के समय की सामाजिक और राजनीतिक स्थिति का वर्णन किया है.
आशिका-उल-अनवर
- अपनी इस कृति में खुसरो ने गुजरात के राजा करन की पुत्री देवलरानी (देवल देवी) तथा अलाउद्दीन खिलजी के पुत्र खिज्र खां के बीच प्रेम का उल्लेख किया है.
- इसके अलावा इसमें अलाउद्दीन की गुजरात तथा विजय का वर्णन है.
- मंगोलों द्वारा स्वयं अपने कैद की कहानी भी इसमें लिखी है.
तुगलकनामा (सल्तनत कालीन साहित्य)
- अमीर खुसरो की यह अंतिम कृति है.
- इस ऐतिहासिक कृति में खुसरो शाह के विरुद्ध गयासुद्दीन तुगलक की विजय का उल्लेख है.
उपर्युक्त ग्रंथों के अतिरिक्त अमीर खुसरो ने लैला-मजनू, शीरी फरहाद, देवलरानी (देवल देवी) व खिज्र खां, आइने सिकन्दरी, हस्त-बहिश्त (प्रेम कथा), एसे इजाज अफजल, उल-फरायद, तारीखे दिल्ली आदि ग्रंथ भी लिखे थे.
सल्तनत कालीन साहित्य (Sultanate period literature in Hindi)