क्रिप्स मिशन, 1942 (The Cripps Mission, 1942) भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (Indian National Movement)
- अब ब्रिटिश सरकार को युद्ध प्रयासों में भारतीयों के सक्रिय सहयोग की बुरी तरह आवश्यकता थी.
- ऐसी स्थिति में 11 मार्च, 1942 को चर्चिल ने घोषणा की कि उनके युद्ध-मंत्रिमण्डल ने भारत संबंधी नीति निर्धारित कर ली है.
- अत: उन्होंने एक कैबिनेट मंत्री सर स्टैफोर्ड क्रिप्स के नेतृत्व में मार्च, 1942 में एक मिशन भारत भेजा.
- क्रिप्स मिशन ने सरकारी अधिकारियों, राजनीतिक दलों तथा रियासतों के प्रतिनिधियों से बातचीत की.
- क्रिप्स मिशन की प्रमुख बातें थी –
- युद्ध समाप्त होते ही भारत का संविधान बनाने के लिए एक निर्वाचित संस्था स्थापित की जायेगी.
- भारत एक डोमिनियन स्टेटस बना दिया जायेगा.
- यदि भारत का कोई अंश (जैसे कोई रियासत या अल्पमत) यह चाहेगा कि वह अलग रहे तो उसे सम्पूर्ण प्रभुत्व का राज्य बना दिया जायेगा.
- कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया.
- ब्रिटिश सरकार ने कांग्रेस की यह बात मानने से इन्कार कर दिया कि वास्तविक शक्ति तत्काल भारतीयों को सौंपी जाए.
- भारतीय नेता इस बात से भी संतुष्ट नहीं हुए कि उनके भविष्य के लिए केवल वादे किए जाएं और फिलहाल वायसराय के हाथों में निरंकुश शक्तियां बनी रहें.