मापन (Introduction to Measurements) भौतिक विज्ञान (Physics)-मापन के लिए नापी जाने वाली राशि की किसी निर्देश मानक के साथ तुलना आवश्यक है.
मापन के लिए जितनी मुक्त राशियाँ होती हैं उतने ही निर्देश मानकों की हमें आवश्यकता पड़ती है.
- मापन के निर्देश मानक को ही हम मात्रक कहते हैं.
- हमें लंबाई के लिए मात्रक की जरूरत है.
- इतिहास में इस तरह के मात्रक के लिए कई भिन्न विकल्प चुने गए हैं.
- इसके उदाहरण हैं मीटर, फुट, क्यूविट.
ये एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न हैं. लेकिन यह जरूरी है कि एक ही मात्रक की, जैसे सभी मीटर पैमानों की, विभिन्न प्रतिलिपियां समान लंबाई की होनी चाहिए.
- इसका विकल्प यह है कि हम किसी मानक लंबाई का एक मीटर पैमाना लें और बाकी सभी पैमानों को इसके आधार पर अंशांकित करें.
- यद्यपि हमारे द्वारा मापी जाने वाली भौतिक राशियों की संख्या बहुत अधिक है लेकिन हमें बहुत अधिक संख्या में मात्रकों की जरूरत नहीं है.
- सभी भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए मात्रकों की सीमित संख्या ही काफी है.
- उदाहरण के लिए हमें गति को मापने की जरूरत हो सकती है.
गति के लिए कोई नया मात्रक परिभाषित करने की बजाय हम इस प्रकार आगे बढ़ सकते हैं. गति से हमारा तात्पर्य है किसी आस समय में तय की गई दूरी . दूरी को, उदाहरण के लिए, मीटर में व्यक्त किया जा सकता है.
समय को, उदाहरण के लिए, सेकंड में व्यक्त किया जा सकता है. इसलिए गति को मीटर प्रति सेकंड के मात्रकों में व्यक्त किया जा सकता है.
- इसी प्रकार घनत्व के यूनिट को ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर या किलो ग्राम प्रति (मीटर)³ लिया जा सकता है .
- इसलिए हम कुछ मात्रकों को मूल मात्रक और कुछ को व्युत्पन्न मात्रक मान सकते हैं. मापी जाने वाली सभी संभव भौतिक राशियों को ले कर हम मूल मात्रकों की न्यूनतम सुविधाजन संख्या की सूची बना सकते हैं.
- यह संख्या सात है-
- लंबाई,
- द्रव्यमान,
- समय,
- विद्युत धारा,
- ताप,
- प्रकाश तीव्रता और
- पदार्थ की मात्रा.
इन सात के मात्रकों को मूल मात्रक माना जाता है.