मुस्लिम लीग और पाकिस्तान की मांग (Muslim League and the Demand of Pakistan) भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन (Indian National Movement)
- मुस्लिम लीग की स्थापना लार्ड मिन्टों के समय सन् 1906 में हो चुकी थी.
- इसे विधान मण्डलों में अपनी संख्या से कहीं अधिकं स्थान मिल चुका था.
- 1937 तक राजनीतिक दृष्टि से मुस्लिम लीग का कोई स्थान नहीं था.
- अत: नये अधिनियम के अनुसार जो इस वर्ष चुनाव हुए थे उसमें कांग्रेस ने लीग के अभ्यर्थियों का समर्थन किया.
- चुनाव में लीग को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिल सकी.
- इसलिए जिन्ना जो कि लीग के उस समय प्रधान नेता थे कांग्रेस के विरोधी हो गये और उसे हिन्दू संस्था के नाम से पुकारने लगे.
- 1939 में लीग ने एक वर्किंग कमेटी का गठन इसलिए किया ताकि जो वैधानिक सुधार सामने आये हैं उनकी परीक्षा करे.
- परन्तु इसका परिणाम 1940 में पाकिस्तान की मांग के रूप में सामने आया.
- जिन्ना के नेतृत्व में ‘पाकिस्तान की मांग’ उत्तरोत्तर बहुत तेजी से होने लगी.
- 12 मई, 1946 ई. को मुस्लिम लीग ने कैबिनेट मिशन को जो ज्ञापन दिया था उसमें उसने 6 प्रांतों (सीमा प्रान्त, पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान, बंगाल तथा आसाम) की मांग की थी.