विज्ञान की शाखाएँ (Branches of Science in Hindi) सामान्य विज्ञान (General Science) आधारभूत जानकारियाँ (Basic Informations)
कृषिजैविकी (Agrobiology)
- यह पादप जीवन (Plant Life) तथा पादप पोषण (Plant Nutrition) से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है.
एग्रोनॉमिक्स (Agronomics)
- यह भूमि व फसलें के प्रबन्ध से संबंधित विज्ञान है.
एग्रोनॉमी (Agronomy)
- इसमें खाद्यान्नों के उत्पादन व कृषि से संबंधित तकनीकी एवं विकास का अध्ययन किया जाता है.
एग्रोस्टोलॉजी (Agrostology)
- यह घास (Grass) के अध्ययन से संबंधित विज्ञान है.
एलकेमी (Alchemy)
- रसायन सम्बन्धी विज्ञान की शाखा है .
शारीरिकी (Anatomy)
- यह जीव-जन्तुओं तथा पौधों की शरीर रचना से सम्बन्धित विज्ञान है .
मानव विज्ञान (Anthropology)
- विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत मानव के विकास, रीति रिवाज, इतिहास और सामाजिक परम्पराओं से संबंधित विषयों का अध्ययन किया जाता है.
मधुमक्खी पालन (Apiculture)
- इसमें मधुमक्खियों के पालन तथा उनकी प्रजातियों के विकास का अध्ययन किया जाता है.
आरबरीकल्चर (Arboriculture)
- यह पेड़ों (Trees) तथा सब्जियों के उगाने से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है.
पुरातत्व विज्ञान (Archaeology)
- यह शाखा प्राचीन ऐतिहासिक स्मारकों, प्राचीन संस्कृति एवं प्राचीन तथ्यों व अभिलेखों के अध्ययन से संबंधित है.
ज्योतिष विज्ञान (Astrology)
- इसमें ग्रहों, राशियों, नक्षत्रों एवं तारों को सापेक्षिक गति का अध्ययन कर मानव जीवन पर इसके प्रभाव का अध्ययन किया जाता है.
खगोल विज्ञान (Astronomy)
- इसमें खगोलीय पिण्डों की गति का अध्ययन किया जाता है.
अन्तरिक्ष यानिकी (Astronautics)
- इसमें अन्तरिक्ष यात्रा से संबंधित विषयों का अध्ययन किया जाता है.
खगोल भौतिकी (Astrophysics)
- इसके अन्तर्गत आकाशीय पिण्डों में विद्यमान शक्तियों व उनके प्रभावों का अध्ययन किया जाता है.
जीवाणु विज्ञान (Bacteriology)
- यह जीवाणुओं की . संरचना, उनसे सम्बन्धित रोगों व निदान से सम्बन्धित विज्ञान है.
जैव रासायनिकी (Biochemistry)
- यह सजीवों के शरीर में होने वाली रासायनिक क्रियाओं के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान है.
जीव विज्ञान (Biology)
- यह सजीवों के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है, जिसकी अनेक उपशाखायें हैं.
- इनमें दो प्रमुख शाखाएँ-
- जंतु विज्ञान (Zoology) तथा
- वनस्पति विज्ञान (Botany)
जीवमिति (Biometry)
- जीव विज्ञान में प्रयुक्त गणित व सांख्यिकी का अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
जैवतांत्रिकी (Bionics)
- विज्ञान की यह शाखा जन्तुओं के तंत्रिका तंत्र (Nervous System) के अध्ययन से सम्बन्धित है .
बायोनॉमिक्स (Bionomics)
- किसी जन्तु या पौधे का वातावरण के साथ सम्बन्ध का अध्ययन इसी शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
बायोनॉमी (Bionormy)
- जीवन के सिद्धान्तों (Law of Life) से सम्बन्धित विज्ञान है.
जैव भौतिकी (Biophysics)
- सजीवों की जैविक क्रियाओं (Vital Processes) से सम्बन्धित भौतिक विज्ञान का अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
वनस्पति विज्ञान (Botany)
- पौधों के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है. इसमें वनस्पतियों का व्यापक अध्ययन किया जाता है.
मूर्तिका कला (Ceramics)
- विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत कॉच चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है.
रसायन विज्ञान (Chemistry)
- द्रव्य की संरचना तथा उसके गुणों का अध्ययन विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता हैं .
कीमोथैरेपी (Chemotherapy)
- रासायनिक पदार्थों का प्रयोग करके रोगों का इलाज करने की विधियों का अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है .
क्रोनोबायोलोजी (Chronobiology)
- इस शाखा के अन्तर्गत जीवन की अवधि (Duration of Life) का अध्ययन किया जाता है .
क्रोनोलोजी (Chronology)
- विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत ऐतिहासिक तिथियों और तथ्यों को क्रमबद्ध रूप में रखने का अध्ययन किया जाता है .
कोन्कोलॉजी (Conchology)
- जन्तु विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत मोलस्का वर्ग के जन्तुओं के बाह्य आवरण (Shell) का अध्ययन किया जाता है .
ब्रह्माण्ड विज्ञान (Cosmology)
- विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत ब्रह्माण्ड की संरचना, उत्पत्ति एवं इतिहास का अध्ययन किया जाता है .
सृष्टि विज्ञान (Cosmogony)
- यह ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति सम्बन्धी अध्ययन की शाखा है .
अपराध विज्ञान (Criminology)
- इसमें अपराध एवं अपराधियों का अध्ययन किया जाता है.
क्रिस्टल विज्ञान (Crystallography)
- इसमें क्रिस्टलों की संरचना, स्वरूप एवं गुणों का अध्ययन किया जाता है ..
क्रिप्टोग्राफी (Cryptography)
- इसके अन्तर्गत गूढ लेखन सम्बन्धी ज्ञान का अध्ययन किया जाता है.
निम्न तापिकी (Cryogenics)
- विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत अत्यन्त निम्न ताप की उत्पत्ति, नियंत्रण एवं अनुप्रयोग का अध्ययन किया जाता है .
कोशिका रासायनिकी (Cytochemistry)
- कोशिका विज्ञान (Cytology) की इस शाखा के अन्तर्गत कोशिका की रासायनिक क्रियाओं से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है.
कोशिकानुवांशिकी (Cytogenetics)
- जीव विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत कोशिका विज्ञान एवं आनुवंशिक विज्ञान के साथ आनुवंशिक गुणों का अध्ययन किया जाता है.
कोशिका विज्ञान (Cytology)
- इसमें कोशिका की संरचना, उत्पत्ति एवं कार्यों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है.
क्रायोसर्जरी (Cryosurgery)
- यह शल्य चिकित्सा की अत्याधुनिक विधि है.
- जिसमें अतिशीतलन के द्वारा रोगाणु युक्त कोशिकाओं को नष्ट कर दिया जाता है.
अंगुलिछाप विज्ञान (Dactylography)
- इसमें अंगुलिछाप (Fingerprints) से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है जिसका उद्देश्य विशिष्ट व्यक्ति की पहचान करना होता है.
संकेत विज्ञान (Dactyliology)
- इसमें संकेतों द्वारा संदेश पहुँचाने की तकनीकी का अध्ययन किया जाता है .
पारिस्थितिकी (Ecology)
- पौधों और जंतुओं पर वातावरण के प्रभाव का अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
अर्थमिती (Econometrics)
- आर्थिक सिद्धान्तों के परीक्षण के लिए गणित का अनुप्रयोग इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
अर्थशास्त्र (Economics)
- इस शाखा के अन्तर्गत आर्थिक ज्ञान का अध्ययन किया जाता है.
भ्रूण विज्ञान (Embryology)
- जीव विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत भ्रूण की संरचना, प्रकार, उत्पत्ति एवं विकारों का अध्ययन किया जाता है.
कीट विज्ञान (Entomology)
- जीव विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत कीटों (Insects) का अध्ययन किया जाता है .
जनपादिक रोग निदान (Epidemiology)
- यह चिकित्सा विज्ञान की शाखा है जिसमें जनपादिक रोगों (Epidemic Diseases) और उनके उपचार का अध्ययन किया जाता है.
व्यवहार विज्ञान (Ethology)
- इस शाखा के अन्तर्गत प्राणियों के व्यवहार (Behaviour) का अध्ययन किया जाता है.
सुजननिकी (Eugenics)
- यह आनुवांशिक विज्ञान की एक शाखा है जिसके अन्तर्गत मनुष्य की संतति के विकास व नस्ल सुधारने सम्बन्धी क्रिया-कलापों का अध्ययन किया जाता है.
जेनेकोलॉजी (Genecology)
- पादप जगत के आनुवांशिक संगठन का आवास एवं वातावरण के साथ अध्ययन इसके अन्तर्गत किया जाता है.
जेनेसियोलोजी (Genesiology)
- इसके अन्तर्गत पीढ़ियों का अध्ययन किया जाता है.
भू-जैविकी (Geobiology)
- यह पृथ्वी पर पाये जाने वाले जीवों के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है .
भू-वनस्पतिकी (Geobotany)
- यह वनस्पति विज्ञान की शाखा है जिसके अन्तर्गत पौधों और पृथ्वी के धरातलीय सम्बन्धों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है.
भू-रासायनिकी (Geochemistry)
- इसमें भू-पर्पटी (earth’s crust) के रासायनिक संगठन एवं इसमें होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता है.
भूगोल (Geography)
- इसमें पृथ्वी के धरातल, भौतिक दशायें, मौसम, जलवायु और जनसंख्या से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है .
भूगर्भ-विज्ञान (Geology)
- इस शाखा के अन्तर्गत भूगर्भ सम्बन्धी अध्ययन, उसकी बनावट, संरचना एवं इसमें पाये जाने वाले पदार्थों का अध्ययन किया जाता है .
भू-आकारिकी (Geomorphology)
- इसमें भूमि के विभिन्न प्रकारों के लक्षण, उत्पत्ति एवं विकास का अध्ययन किया जाता है.
भू-भौतिकी (Geophysics)
- यह भू-गर्भ में पाये जाने वाले पदार्थों के भौतिक गुणों के अध्ययन से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है.
जीरोन्टोलोजी (Gerontology)
- इसमें वृद्धावस्था व इसमें होने वाले रोगों का अध्ययन किया जाता है ..
स्त्रीरोग विज्ञान (Gynaecology)
- चिकित्सा विज्ञान की इस शाखा में स्त्री रोगों व प्रजनन से सम्बन्धित रोगों का अध्ययन किया जाता है.
आनुवांशिक अभियांत्रिकी (Genetic Engineering)
- यह विज्ञान की अत्याधुनिक शाखा है जिसके अन्तर्गत राजीवों में अति सूक्ष्म जीन स्तर पर रचनात्मक परिवर्तन कर वांछित गुणों की प्राप्ति की जा सकती है .
सूर्य चिकित्सा विज्ञान (Heliotherapy)
- इसमें सूर्य के प्रकाश द्वारा रोगों की चिकित्सा का अध्ययन किया जाता है.
ऊतिकी (Histology)
- इसमें ऊतक अर्थात् कोशिकाओं के समूहों से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है.
उधान विज्ञान (Horticulture)
- वनस्पति विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत फूल, फल, सब्जियाँ एवं आकर्षक पौधों को उगाने की कला का अध्ययन किया जाता है.
घड़ी साजी (Horology)
- इसमें घड़ी बनाने और समय की माप से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है.
होलोग्राफी (Holography)
- लेसर किरणों द्वारा त्रिविमीय चित्रों का लेना होलोग्राफी कहलाता है.
होम्योपैथी (Horneopathy)
- यह चिकित्सा विज्ञान की एक शाखा है जिसका आरम्भ जर्मनी में हुआ.
- इसमें रोग के कारकों को शर्करा से विभाजित कर उसी रोग के निदान में काम लिया जाता है .
जलगतिकी (Hydrodynamics)
- गतिशील द्रव पदार्थों के बल, ऊर्जा एवं दाब का गणितोय अध्ययन इसके अन्तर्गत किया जाता है.
हाइड्रोग्राफी (Hydrography)
- पृथ्वी पर जल स्तर का मापन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है जो कि समुद्री यात्रा के लिये उपयोगी है.
जल विज्ञान (Hydrology)
- इसमें पानी के गुणों का अध्ययन किया जाता है .
हाइड्रोमेटेलर्जी (Hydrometallurgy)
- इसमें सामान्य ताप पर द्रवों के साथ धातु अयस्कों (Metal Ores) को धो कर (Bleaching) उनसे धातुओं का निष्कर्षण (Extraction) करने की प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है .
जल-चिकित्सा (Hydropathy)
- जल के द्वारा रोगों की चिकित्सा का अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
जलकृषि (Hydroponics)
- इसमें मिट्टी के बिना पौधों को उगाया जाता है इसके लिए खनिज पदार्थों को द्रव में घोलकर उसमें पौधों को उगाया जाता है.
- इसे मृदा-रहित कृषि या जल संवर्द्धन (Water Culture) भी कहते हैं.
जल ध्वनि शास्त्र (Hydrophonics)
- विज्ञान की यह शाखा ध्वनि के माध्यम से जल सतह के नीचे की वस्तुओं का पता लगाने से सम्बन्धित है.
जल स्थैतिकी (Hydrostatics)
- द्रवों में बल व दाब के गणितीय अध्ययन से सम्खंधित विज्ञान है .
स्वास्थ्य विज्ञान (Hygiene)
- इस शाखा के अन्तर्गत स्वास्थ्य, इसकी सुरक्षा एवं वातावरण के स्वास्थ्य पर प्रभाव का अध्ययन किया जाता है.
मेमोग्राफी (Mammography)
- इसमें स्तन ग्रंथियों (Mammary Glands) की रेडियोग्राफी द्वारा स्तन कैंसर का अध्ययन किया जाता है.
धातु रचना विज्ञान (Metallography)
- इसके अन्तर्गत विभिन्न धातुओं की आणविक संरचना व गुणों का अध्ययन किया जाता है .
धातुकर्म विज्ञान (Metallurgy)
- इसके अन्तर्गत धातु के अयस्क (Ore) से धातु प्राप्त करने की प्रक्रिया का अध्ययन किया जाता है .
मौसम विज्ञान (Meteorology)
- इस शाखा में वातावरण तथा इसमें होने वाले परिवर्तनों एवं अन्तः क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है.
माप विज्ञान (Metrology)
- इसमें तौल एवं नाप की विधियों का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है .
सूक्ष्म जैविकी (Microbiology)
- इस शाखा के अन्तर्गत जीवाणु, वायरस, माइक्रोप्लाज्मा आदि सूक्ष्म जीवों की संरचना एवं अन्य जीवों पर इनके प्रभाव का अध्ययन किया जाता है.
आकारिकी (Morphology)
- इसके अन्तर्गत जंतुओं एवं पौधों की बाहरी संरचना (External Structure) का अध्ययन किया जाता है.
कवक विज्ञान (Mycology)
- इसमें कवक (Fungi) की संरचना एवं जैविक प्रक्रियाओं तथा कवकों द्वारा जीवों में होने वाले रोगों का अध्ययन किया जाता है.
प्राकृतिक चिकित्सा (Naturopathy)
- इसमें जल, मिट्टी, वाष्प आदि प्राकृतिक पदार्थों से असाध्य रोगों की चिकित्सा की जाती है.
- आजकल यह चिकित्सा पद्धति लोकप्रिय होती जा रही है.
तंत्रिका विज्ञान (Neurology)
- इस शाखा के अन्तर्गत तंत्रिका तंत्र (Nervous System) का विस्तार, कार्य एवं इसमें उत्पन्न होने वाले रोगों तथा अनियमितताओं का अध्ययन किया जाता है.
तंत्रिका रोग विज्ञान (Neuropathology)
- इसमें तंत्रिका तंत्र में उत्पन्न होने वाले रोगों का विस्तृत अध्ययन किया जाता है .
तंत्रिका शल्य-चिकित्सा (Neurosurgery)
- इसके अन्तर्गत तंत्रिका तंत्र में उत्पन्न रोगों का शल्य क्रिया द्वारा इलाज किये जाने की विधियों का अध्ययन किया जाता है.
दंत विज्ञान (Odontology)
- दाँत की संरचना और दंत विन्यास का अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
प्रकाशिकी (Optics)
- इसमें प्रकाश की प्रकृति, गुण तथा प्रकाश से संबंधित अन्य विषयों का अध्ययन किया जाता है.
पक्षी विज्ञान (Ornithology)
- इसमें पक्षियों के स्वभाव, व्यवहार एवं उनके अन्य क्रिया-कलापों का अध्ययन किया जाता है.
आर्थोपेडिक्स (0rthopaedics)
- पेशीय कंकाल तंत्र के रोगों के निदान, उपचार एवं उनके अन्य क्रिया-कलापों का अध्ययन किया जाता है.
अस्थि विज्ञान (Osteology)
- इस शाखा के अन्तर्गत अस्थियों का अध्ययन किया जाता है.
पेलियाबॉटनी (Paleobotany)
- पौधों के जीवाश्मों (Fossils) से संबंधित अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
जीवाश्मिकी (Paleontology)
- इसमें प्राचीन जीवाश्मों का अध्ययन किया जाता है .
रोग विज्ञान (Pathology)
- इस शाखा के अन्तर्गत रोग उत्पन्न करने वाले कारकों की पहचान, उनकी संरचना व रोगों के निदान से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है.
प्रकाश जैविकी (Photobiology)
- यह जीव विज्ञान की शाखा है जिसके अन्तर्गत जीवों पर प्रकाश के प्रभाव का अध्ययन किया जाता है .
कपाल विज्ञान (Phrenology)
- इसमें मानव के कपाल (Skull) एवं मस्तिष्क (Brain) की सरचना का अध्ययन किया जाता है.
थिसियोलॉजी (Phthisiology)
- इसमें क्षय रोग (Tuberculosis) का वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है.
शैवाल विज्ञान (Phycology)
- इसमें शैवाल से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है .
औषध विज्ञान (Pharmacology)
- इस शाखा के अन्तर्गत औषधियाँ बनाने की विधियों तथा उनके गुणों का अध्ययन किया जाता है .
भौतिक विज्ञान (Physics)
- इसमें द्रव्य के गुणों जैसे श्यानता, प्रत्यास्थता, पृष्ठ तनाव, संपीड़यता एवं इनको प्रभावित करने वाले कारकों का अध्ययन किया जाता है.
भौतिक भूगोल (Physiography)
- इसमें भौतिक पदार्थों के भूगोल से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है. इसमें प्रकृति की आकारिकी तथा उससे सम्बन्धित प्रभावों एवं क्रियाओं का अध्ययन किया जाता है.
शरीर क्रिया विज्ञान (Physiology)
- जीव विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत सजीवों की विभिन्न जैविक प्रक्रियाओं, जैसेश्वसन, संवहन, परिसंरचना, वृद्धि, जनन आदि का अध्ययन किया जाता है.
- इसकी दो शाखायें हैं-
- जन्तु शरीर क्रिया विज्ञान (Animal-physiology) तथा
- पादप शरीर क्रिया विज्ञान (Plant physiology).
पादप विकास विज्ञान (Phytogery)
- इसके अन्तर्गत पौधों की उत्पत्ति एवं विकास का अध्ययन किया जाता है .
फल-कृषि विज्ञान (Pomology)
- यह फलों के उत्पादन, विकास एवं सुरक्षा से संबंधित विज्ञान की शाखा है.
मनोविज्ञान (Psychology)
- यह मानव एवं अन्य जंतुओं के व्यवहार से सम्बन्धित विज्ञान है .
विकिरण विज्ञान (Radiology)
- इसमें रेडियो ऐक्टिवता (Radio Activity) तथा एक्स-किरणों का अध्ययन किया जाता है .
विकिरण-जैविकी (Radiobiology)
- जीव विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत सजीवों पर विकिरण (Radiation) के प्रभावों का अध्ययन किया जाता है .
विकिरण चिकित्सा (Radiotherapy)
- इसके अन्तर्गत विकिरणों के द्वारा रोगों के निदान व इससे उत्पन्न होने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जाता है.
विकृति विज्ञान (Rheology)
- पदार्थ की संरचना में उत्पन्न होने वाली विकृति तथा उसके प्रवाह से सम्बन्धित अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है .
भूकम्प विज्ञान (Seismology)
- इस शाखा के अन्तर्गत भूकंप के कारणों व उसकी भविष्यवाणियों से सम्बन्धित वैज्ञानिक अध्ययन किया जाता है.
चंद्र विज्ञान (Selinology)
- चन्द्रमा का आकार, उत्पत्ति एवं गति से सम्बन्धित अध्ययन इस शाखा के अन्तर्गत किया जाता है.
रेशमकीट पालन (Sericulture)
- यह कच्चे रेशम के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अच्छी नस्ल के रेशम कीटों के पालन करने से सम्बन्धित विज्ञान की शाखा है.
समाज शास्त्र (Sociology)
- मानव समाज के वैज्ञानिक अध्ययन की शाखा है.
स्पेक्ट्रम विज्ञान (Spectroscopy)
- स्पेक्ट्रोस्कोप का प्रयोग करके पदार्थ एवं ऊर्जा का वैज्ञानिक अध्ययन इसके अन्तर्गत किया जाता है.
वर्गिकी (Taxonomy)
- जीव विज्ञान की इस शाखा के अन्तर्गत जंतुओं और पौधों को उनके गुणों एवं संरचना के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है.
टेलीपेथी (Telepathy)
- इसके अन्तर्गत संदेदी तंत्रिकाओं (Sensorynerves) के स्थान पर अन्य किसी माध्यम से मस्तिष्क तक संवेदनाएँ भेजने की क्रिया विधि का अध्ययन किया जाता है.
चिकित्सा विज्ञान (Therapeutics)
- इसमें रोगों के उपचार से सम्बन्धित अध्ययन किया जाता है.
ऊतक संवर्द्धन (Tissue Culture)
- इसमें एक कोशिका को रासायनिक पदार्थों की उपस्थिति में विकसित कर पूरे शरीर का , निर्माण किया जाता है.
- यह विज्ञान की अत्याधुनिक शाखा है, जिसमें कृत्रिम रूप से शरीर का निर्माण किया जा सकता है.
वायरस विज्ञान (Virology)
- इसमें वायरस की सरचना व उससे उत्पन्न होने वाले रोगों का अध्ययन किया जाता है .
जंतु विज्ञान (Zoology)
- इसमें जंतुओं की संरचना, लक्षण एवं जीवन-चक्र का अध्ययन किया जाता है.