नासिरुद्दीन खुसरो शाह खिलजी वंश का पतन Nasiruddin Khusro Shah -यह हिन्दू धर्म से परिवर्तित मुसलमान था तथा उसने हिन्दू प्रभुत्व की स्थापना करनी चाही. उसने ‘पैगम्बर से सेनापति’ की उपाधि धारण की.
हिन्दू धर्म को महत्व देने के कारण यह मुसलमानों में अप्रिय हो गया तथा उसके विरोधियों की संख्या बढ़ने लगी. गाजी मलिक तुगलक ने जो दीपालपुर का सूबेदार था, अनेक अमीरों को साथ लेकर खुसरो शाह के विरुद्ध कूच किया.
5 सितम्बर, 1320 ई. को गाजी मलिक तुगलक तथा खुसरो शाह के मध्य युद्ध हुआ . खुसरो शाह पराजित हुआ व 8 सितम्बर, 1320 ई. को अमीरों और सरदारों की सहमति से गाजी मलिक ‘गयासुद्दीन तुगलक शाह‘ के नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा. इस प्रकार महान् खिलजी वंश का पतन और तुगलक वंश का उदय हुआ.
खुसरो खा गुजरात का वेरावल विस्तार का एक रबारी गोपालक जाती का बलवान इंसान था जो कि हिन्दू था । रबारी गुजरात की गोपालक जाती है जो दलित वर्ग से उच्च मानी जाती हैं।