सूफी मत भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत (Sufism-Bhakti Movement in Medieval India)

सूफी मत भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत (Sufism-Bhakti Movement in Medieval India)

सूफी मत भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत  (Sufism-Bhakti Movement in Medieval India) सूफी मत महमूद गजनवी की पंजाब विजय के पश्चात् कई सूफी सन्त भारत आये. सूफी शब्द की उत्पत्ति के सम्बन्ध में विद्वानों के कई विचार हैं. कुछ का विचार है कि इस शब्द की उत्पत्ति ‘सफा‘ अर्थात् ‘पवित्र‘ शब्द से हुई. एक मत यह …

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भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत (The Bhakti Movement in Medieval India)

भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत (The Bhakti Movement in Medieval India)

भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत  (The Bhakti Movement in Medieval India) भक्ति आन्दोलन भक्ति आन्दोलन से भाव उस आन्दोलन से है जो तुकों के आगमन से पूर्व से ही यहाँ चल रहा था तथा अकबर के काल तक चलता रहा. इस आन्दोलन ने मानव और ईश्वर के मध्य रहस्यवादी सम्बन्धों को स्थापित करने पर बल दिया. …

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मध्यकालीन भारत स्थापत्य कला में प्रांतीय शैलियों का योगदान (provincial style in architecture)

मध्यकालीन भारत स्थापत्य कला में प्रांतीय शैलियों का योगदान (provincial style in architecture)

स्थापत्य कला में प्रांतीय शैलियों का योगदान बंगाल यहाँ की स्थानीय शैली के अंतर्गत निर्मित अधिकांश इमारतों में पत्थर के स्थान पर ईंटों का प्रयोग किया गया. बाँस की इमारतों से ली गई हिन्दू मंदिरों की लहरिएदार कार्निसो की परम्परागत शैली का मुसलमानी अनुकरण, छोटे-छोटे खम्भों पर नुकीली मेहराबें तथा कमल जैसे सुन्दर खुदाई के …

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मध्यकालीन भारत - प्रान्तीय राजवंश (Medieval India - Provincial Dynasty in Hindi)

मध्यकालीन भारत प्रान्तीय राजवंश (Medieval India – Provincial Dynasty in Hindi)

प्रान्तीय राजवंश खान देश मालिक राजा फारुकी मालिक राजा फारुकी ने ताप्ती नदी (तापी नदी) घाटी क्षेत्र में स्थित खान देश के स्वतंत्र मुस्लिम राज्य की स्थापना सुल्तान फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु के उपरांत 1382 ई. में की. यहाँ सभी सुल्तानों ने खान की उपाधि धारण की इसलिए इसका नाम खान देश पड़ा. खान देश …

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बहमनी साम्राज्य पतन के पश्चात् स्वतन्त्र राज्य-बीजापुर,बरार,गोलकुण्डा,अहमदनगर,बीदर

बहमनी साम्राज्य पतन के पश्चात् स्वतन्त्र राज्य-बीजापुर,बरार, गोलकुण्डा, अहमदनगर, बीदर

बहमनी साम्राज्य पतन के पश्चात् स्वतन्त्र राज्य बीजापुर – युसुफ आदिलशाह 1489 ई. में युसुफ आदिलशाह ने बीजापुर में स्वतन्त्र आदिलशाही वंश की स्थापना की. युसुफ आदिलशाह ने महमूद गवाँ की सेना में उच्च पद प्राप्त किया तथा बहमनी साम्राज्य के पतन के पश्चात् स्वतन्त्र शासक बन गया. युसुफ आदिलशाहने हिन्दुओं के साथ अच्छा व्यवहार किया …

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बहमनी साम्राज्य (Bahmani Empires in Hindi)

बहमनी साम्राज्य (Bahmani Empires in Hindi)हसन गंगू बहामनी

बहमनी साम्राज्य (Bahmani Empires in Hindi)हसन गंगू बहामनी(Hasan Gangu bahmani)-सुल्तान मुहम्मद तुगलक के शासन काल (1325-51 ई.) में दिल्ली सल्तनत के कई अमीरों ने विद्रोह कर दिए थे. दक्षिण में फारस के सुल्तान बहमनदीन इस्कन्दियार का वंशज ‘हसन गंगू ‘ (हसन गंगू बहामनी)1347 ई. में विद्रोह करके स्वतन्त्र हो गया. हसन गंगू  11 अगस्त, 1347 ई. …

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विजयनगर साम्राज्य-सामाजिक दशा,आर्थिक दशा,कला एवं साहित्य

विजयनगर साम्राज्य सामाजिक दशा,आर्थिक दशा,कला एवं साहित्य

विजयनगर साम्राज्य सामाजिक दशा,आर्थिक दशा,कला एवं साहित्य सामाजिक दशा विजयनगर समाज वैदिक और शास्त्रीय परम्पराओं के आधार पर कई वर्गों और जातियों में बंटा था. फिर भी प्रमुख वर्ग चार थे–ब्राह्मण, क्षत्रिय,वैश्य वर्ण (चेट्टी) तथा निम्न वर्ग . ब्राह्मण ब्राह्मणों को समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त था. ब्राह्मणों को कठोर दण्ड से मुक्त रखा गया …

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विजयनगर साम्राज्य का प्रशासन (Administration of Vijayanagara Empires) केन्द्रीय शासन (Central government)

विजयनगर साम्राज्य का प्रशासन (Administration of Vijayanagara Empires)

विजयनगर साम्राज्य का प्रशासन (Administration of Vijayanagara Empires) केन्द्रीय शासन (Central government) राजा विजयनगर सिद्धान्ततः निरंकुश राजतन्त्र था. राजा ही सम्पूर्ण शक्ति यथा-सैनिक, असैनिक तथा न्यायिक आदि का केन्द्र था. फिर भी राजा की निरंकुशता पर व्यापारिक निगम, धार्मिक संस्थाओं, केन्द्रीय मन्त्री-मण्डल, ग्रामीण संस्थाएं आदि रोक लगाती थीं. धार्मिक दृष्टि से वे सहिष्णु थे. कई …

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विजयनगर साम्राज्य (The Vijayanagara Empires)संगम राजवंश,सालुव वंश,तुलुव वंश

विजयनगर साम्राज्य (The Vijayanagara Empires)संगम राजवंश,सालुव वंश,तुलुव वंश

विजयनगर साम्राज्य (The Vijayanagara Empires)संगम राजवंश,सालुव वंश,तुलुव वंश-सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक के शासन काल (1324-51 ई.) के अन्तिम समय में मुहम्मद बिन तुगलक की गलत नीतियों के कारण सारे साम्राज्य में अव्यवस्था फैल गई तथा अनेक प्रदेशों ने स्वतन्त्रता की घोषणा कर दी. 1336 ई. में पाँच भाईयों (हरिहर, कम्पा प्रथम, बुक्का प्रथम, मारप्पा तथा मदुप्पा …

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सल्तनत काल सामाजिक तथा धार्मिक अवस्था (Sultanate Period Social and Religious status)

सल्तनत काल सामाजिक तथा धार्मिक अवस्था (Sultanate Period Social & Religious status)

सल्तनत काल सामाजिक तथा धार्मिक अवस्था (Sultanate Period  Social and Religious status)- सल्तनत कालीन सामाजिक अवस्था इस काल में समाज में मुख्यतः दो वर्ग थे-मुसलमान और हिन्दू  मुसलमान आगे दो मुख्य वर्गों में विभाजित थे तुर्क-अफगान, अरबी और ईरानी जाति के और भारतीय मुसलमान जो पहले हिन्दू थे. भारतीय मुसलमानों से सौतेला व्यवहार किया जाता था. …

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