मध्यकालीन भारत

मध्यकालीन भारत (Medieval India)- मध्यकालीन भारत के बारे में इस वेब पेज पर सभी विषय पर प्रकाश डाला गया है. बाहरी आक्रमण से प्राचीन भारत में सिर्फ लूटपाट की जाती थी. लेकिन तुर्कों के आक्रमण के बाद तुर्कों ने हमारे ऊपर शासन करने का निर्णय लिया.तुर्क, दास वंश या गुलाम वंश, खिलजी वंश, तुगलक वंश, सैयद वंश, लोदी वंश और इनके बाद में(1526 ईसवी) मुगल वंश ने भारतवर्ष पर शासन किया.

जहाँगीर | मिर्जा नूरुद्दीन बेग मुहम्मद खान सलीम (1605-27 ई.) Jahangir | Mirza Nur-ud-din Beig Mohammad Khan Salim

जहाँगीर | मिर्जा नूरुद्दीन बेग मुहम्मद खान सलीम (1605-27 ई.) Jahangir | Mohammad Salim

जहाँगीर | मिर्जा नूरुद्दीन बेग मुहम्मद खान सलीम (1605-27 ई.) Jahangir | Mirza Nur-ud-din Beig Mohammad Khan Salim जहाँगीर (Jahangir) (1605-27 ई.) ‘मोहम्मद सलीम’ का जन्म 30 अगस्त, 1569 ई. को फतेहपुर सिकरी में ‘शेख सलीम चिश्ती’ की कुटिया में हुआ था. उसकी माता भारमल की पुत्री ‘मारियम उज्जमानी’ थी. अकबर उसे ‘शेखूबाबा’ कह कर […]

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अकबर महान् (जलाल-उद-दीन मुहम्मद अकबर) (1556-1605 ई.) Jalal-ud-din Muhammad Akbar

अकबर महान् (जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर) Jalal-ud-din Muhammad Akbar

अकबर महान् (जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर) (1556-1605 ई.) Jalal-ud-din Muhammad Akbar अकबर महान् 23 नवम्बर, 1542 ई. के विकट परिस्थितियों में हमीदा बानू बेगम के गर्भ से अकबर का जन्म हुआ था. हुमायूँ शरणार्थी की दशा में भटक रहा था. अकबर का बचपन क्रमशः उसके चाचा अस्करी तथा कामरान के यहाँ बीता. अकबर पर्याप्त शिक्षा

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शेरशाह सूरी और उसके उत्तराधिकारी (Sher Shah Suri and his successor)

शेरशाह सूरी और उसके उत्तराधिकारी (Sher Shah Suri and his successor)

शेरशाह सूरी और उसके उत्तराधिकारी (Sher Shah Suri and his successor) शेरशाह सूरी शेरशाह का असली नाम फरीद था. उसका जन्म 1472 ई. में पंजाब में हुआ था. उसके पिता हसन खाँ की चार पत्नियाँ और आठ पुत्र थे. उसे अपनी सौतेली माँ और पिता से उसे सच्चा स्नेह प्राप्त नहीं हुआ. 1494 ई. में वह

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हुमायूँ (1530-56 ई.) Humayun मुगल साम्राज्य (The Mughal Empire)

हुमायूँ नासिरुद्दीन मुहम्मद (1530-56 ई.) Humayun Nasir-ud-Din Muḥammad |मुगल साम्राज्य

हुमायूँ नासिरुद्दीन मुहम्मद(1530-56 ई.) Humayun Nasir-ud-Din Muḥammad हुमायूँ  (1530-56 ई.) Humayun ‘नासिरुद्दीन मुहम्मद हुमायूँ’ का जन्म 6 मार्च, 1508 ई. में काबुल में हुआ था. उसकी माता “महिम बेगम’ शिया मत में विश्वास रखती थी . हुमायूँ बाबर के चार पुत्रों-हुमायूँ, कामरान, अस्करी तथा हिन्दाल में सबसे बड़ा था. उसे ही बाबर ने अपना उत्तराधिकारी

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बाबर (जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर) (1526-30 ई.) zahiruddin Muhammad Babur

बाबर (जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर) (1526-30 ई.) Zahiruddin Muhammad Babur

जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर (1526-30 ई.) Zahiruddin Muhammad Babur बाबर (1526-30 ई.) जहीरुद्दीन मुहम्मद बाबर का जन्म 1483 ई. में मध्य एशिया के एक छोटे-से राज्य फरगना में हुआ. वह तैमूर और चंगेज खाँ का वंशज था. जब वह 11 वर्ष 4 मास का ही था, उसके पिता उमरशेख मिर्जा का देहान्त हो गया तथा बाबर

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सूफी मत भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत (Sufism-Bhakti Movement in Medieval India)

सूफी मत भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत (Sufism-Bhakti Movement in Medieval India)

सूफी मत मध्यकालीन भारत  (Sufism-Bhakti Movement in Medieval India) सूफी मत महमूद गजनवी की पंजाब विजय के पश्चात् कई सूफी सन्त भारत आये. सूफी शब्द की उत्पत्ति के सम्बन्ध में विद्वानों के कई विचार हैं. कुछ का विचार है कि इस शब्द की उत्पत्ति ‘सफा‘ अर्थात् ‘पवित्र‘ शब्द से हुई. एक मत यह है कि

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भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत (The Bhakti Movement in Medieval India)

भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत (The Bhakti Movement in Medieval India)

भक्ति आन्दोलन मध्यकालीन भारत  (The Bhakti Movement in Medieval India) भक्ति आन्दोलन भक्ति आन्दोलन से भाव उस आन्दोलन से है जो तुकों के आगमन से पूर्व से ही यहाँ चल रहा था तथा अकबर के काल तक चलता रहा. इस आन्दोलन ने मानव और ईश्वर के मध्य रहस्यवादी सम्बन्धों को स्थापित करने पर बल दिया.

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मध्यकालीन भारत स्थापत्य कला में प्रांतीय शैलियों का योगदान (provincial style in architecture)

मध्यकालीन भारत स्थापत्य कला में प्रांतीय शैलियों का योगदान (provincial style in architecture)

स्थापत्य कला में प्रांतीय शैलियों का योगदान बंगाल यहाँ की स्थानीय शैली के अंतर्गत निर्मित अधिकांश इमारतों में पत्थर के स्थान पर ईंटों का प्रयोग किया गया. बाँस की इमारतों से ली गई हिन्दू मंदिरों की लहरिएदार कार्निसो की परम्परागत शैली का मुसलमानी अनुकरण, छोटे-छोटे खम्भों पर नुकीली मेहराबें तथा कमल जैसे सुन्दर खुदाई के

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मध्यकालीन भारत - प्रान्तीय राजवंश (Medieval India - Provincial Dynasty in Hindi)

मध्यकालीन भारत प्रान्तीय राजवंश (Medieval India – Provincial Dynasty in Hindi)

प्रान्तीय राजवंश खान देश मालिक राजा फारुकी मालिक राजा फारुकी ने ताप्ती नदी (तापी नदी) घाटी क्षेत्र में स्थित खान देश के स्वतंत्र मुस्लिम राज्य की स्थापना सुल्तान फिरोजशाह तुगलक की मृत्यु के उपरांत 1382 ई. में की. यहाँ सभी सुल्तानों ने खान की उपाधि धारण की इसलिए इसका नाम खान देश पड़ा. खान देश

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बहमनी साम्राज्य पतन के पश्चात् स्वतन्त्र राज्य-बीजापुर,बरार,गोलकुण्डा,अहमदनगर,बीदर

बहमनी साम्राज्य पतन के पश्चात् स्वतन्त्र राज्य-बीजापुर,बरार, गोलकुण्डा, अहमदनगर, बीदर

बहमनी साम्राज्य पतन के पश्चात् स्वतन्त्र राज्य बीजापुर – युसुफ आदिलशाह 1489 ई. में युसुफ आदिलशाह ने बीजापुर में स्वतन्त्र आदिलशाही वंश की स्थापना की. युसुफ आदिलशाह ने महमूद गवाँ की सेना में उच्च पद प्राप्त किया तथा बहमनी साम्राज्य के पतन के पश्चात् स्वतन्त्र शासक बन गया. युसुफ आदिलशाहने हिन्दुओं के साथ अच्छा व्यवहार किया

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