रुक्नुद्दीन फिरोजशाह (1236 ई.)ruknuddin Firoz Shah in hindi –इल्तुतमिश ने अपनी पुत्री रजिया को अपना उत्तराधिकारी बनाया था, परन्तु उसकी मृत्यु के पश्चात् उसके सबसे बड़े पुत्र रुक्नुद्दीन फिरोजशाह को गद्दी पर बिठाया गया.
उसकी माता शाह तुर्कान(shah turkan)मूलतः एक तुर्की दासी थी. रुक्नुद्दीन फिरोजशाह एक अयोग्य व विलास-प्रिय शासक सिद्ध हुआ. उसे ‘विलास-प्रेमी’ जीव कहा गया है. शासन कार्यों में उसकी रुचि नहीं थी, अतः शासन कार्य का भार उसने अपनी मां शाह तुर्कान को सौंपा हुआ था.
उनके अत्याचारों से चारों और विद्रोह व अशान्ति की स्थिति उत्पन्न हो गई. हाँसी, बदायूँ व लाहौर के प्रान्ताध्यक्षों ने रुक्नुहीन की सत्ता मानने से इन्कार कर दिया. सुल्तान व उसकी मां ने रजिया की हत्या करने का भी षड्यन्त्र रचा.
मुस्लिम सरदारों ने शाह तुर्कान(shah turkan) की हत्या कर दी और रुक्नुद्दीन फिरोज को भी बन्दी बना कर उसकी हत्या कर दी गई. इस प्रकार 6 महीने व 7 दिन बाद ही रुक्नुद्दीन के शासन का अन्त हो गया.