शहाबुद्दीन उमर खिलजी तथा मलिक काफूर Shahabuddin Umar and malik kafur-सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी (Alauddin Khilji) की मृत्यु के पश्चात् मलिक काफूर (Malik kafur)ने राज्य के अमीरों और अधिकारियों को ‘एक जाली उत्तराधिकार पत्र’ दिखा कर पाँच या छहः वर्ष के नाबालिग उमर खाँ को शहाबुद्दीन उमर खिलजी के नाम से सुल्तान बनवा कर स्वयं उसका संरक्षक बन गया .
हिजड़ा (तृतीयपंथी ) होने के बावजूद भी मलिक काफूर (Malik kafur)ने शिशु सुल्तान की माँ (देवगिरी के शासक रामचन्द्र देव की पुत्री) से विवाह कर लिया.
उसके मृत सुल्तान के पुत्रों खिज्र खाँ, शादी खाँ, फरीद खाँ, मुहम्मद खाँ, अबूबक खाँ आदि को बन्दी बना कर अन्धा करवा दिया. मलिका-ए-जहाँ भी कैद थी.
अतः मलिक काफूर स्वयं को पूर्णतः सुरक्षित समझ कर शासन करने लगा. लेकिन लगभग 35 दिन के सत्ता उपभोग के बाद अलाउद्दीन खिलजी के तीसरे पुत्र मुबारक खिलजी (Mubarak Khilji) ने मलिक काफूर की 11 फरवरी, 1316 ई. को हत्या करवा दी तथा स्वयं सुल्तान का संरक्षक बन गया और कालान्तर में मलिक काफूरने शहाबुद्दीन उमर खिलजी (सुल्तान) को अन्धा करवा कर कैद कर लिया.