मुहम्मद बिन तुगलक (1325-51 ई.) Muhammad bin Tughluq In Hindi-पिता गयासुद्दीन तुगलक की मृत्यु के तीन दिन पश्चात् जीना खाँ ने मुहम्मद बिन तुगलक की उपाधि धारण करके स्वयं को दिल्ली का सुल्तान घोषित किया.
पिता की मृत्यु पर उसने चालीस दिन के शोक के पश्चात् अपना राज्याभिषेषक कराया और सरदारों और अमीरों को विभन्न उपाधियाँ और पद प्रदान किए.
सम्भवतः मध्यकालीन सभी सुल्तानों में वह सर्वाधिक शिक्षित, विद्धान और योग्य व्यक्ति था. उसके काल का आरम्भ और अन्त अनेकानेक उथल-पुथल एवं विद्रोहों से हुआ.
1326-27 ई. में मुहम्मद बिन तुगलक(Muhammad bin Tughluq) ने मंगोल आक्रमणकारी तरमाशरीन खाँ को पराजित किया तथा कलानौर एवं पेशावर को जीता. 1326-27 ई. में ही गुजरात के ख्वाजा जहाँ के नेतृत्व में शाही सेनाओं ने सुल्तान के चचेरे भाई और सागर के हाकिम बहाउद्दीन गुरशस्प के विद्रोह को दबाया व गुरशस्प को पकड़ कर उसकी खाल खिंचवा दी गई.
1328 ई. में मुल्तान के हाकिम किशलू खाँ के विद्रोह को दबा कर उसे मौत के घाट उतार दिया गया. 1330 ई. में पूर्व बंगाल (सोनार गाँव) के शासक गयासुद्दीन बहादुर को सुल्तान के भाई बहराम शाह ने पराजित किया क्योंकि उसने सुल्तान की आज्ञा का पालन नहीं किया था. उसकी खाल खिंचवा कर उसके शव में भूसा भरवा कर राज्य में घुमाया गया.
1328 ई. में सिंध में काजी और खतीव के षड्यन्त्रों के कारण विद्रोह हुआ. उन्हें भी पकड़कर उनकी खाल खिंचवाई गई. 1333 ई. में सेहवां में रतन के विद्रोह को इमादुलमुल्क ने दबाया व उसका भी पूर्व के अन्य विद्रोहियों जैसा हाल हुआ.
1335 ई. में माबर के हाकिम सैयद अहसान शाह ने विद्रोह करके स्वतन्त्र मदुरा साम्राज्य की नींव रखी. दिल्ली व मालवा में अकाल, वारंगल में हैजा व लाहौर में विद्रोह के कारण सुल्तान अहसानशाह के विद्रोह को नहीं दबा सका.
दौलताबाद के हाकिम हुशंग ने भी विद्रोह किया, किन्तु उसे बिना किस कठिनाई के दबा दिया गया.
लाहौर के हुलांजू मंगोल और गुलचन्द्र के विद्रोह को सिन्ध के हाकिम ख्वाजा जहाँ ने दवाया व उन्हें मृत्यु दण्ड दिया गया. दक्षिण में दो हिन्दू भाइयों-हरिहर तथा बुक्का ने स्वतन्त्र विजयनगर राज्य तथा कन्हैया नामक व्यक्ति ने वारंगल में स्वतन्त्र राज्य स्थापित किया.
1337 ई. में सोनार गाँव (बंगाल) में गयासुद्दीन बहादुर के पश्चात् नियुक्त किए गये हाकिम फखरुद्दीन मुबारक शाह ने स्वतन्त्र राज्य स्थापित कर लिया. 1340 ई. में अवध में ऐनुलमुल्क के विद्रोह को दबाया गया.
3 अगस्त, 1342 ई. को देवगिरी के विदेशी मूल के मुस्लिम शासक हसन गंगू ने अलाउद्दीन बहमन शाह की उपाधि धारण करके स्वतन्त्र बहमनी राज्य की स्थापना की.
गुजरात में तगी नामक व्यक्ति के विद्रोह को दबाने के लिए सुल्तान स्वयं गया. तगी परास्त होकर सिंध की ओर भागा तथा सुल्तान उसका पीछा करते हुए थट्टा (सिंध) तक पहुंचा.
वहीं उसे ज्चर हो गया तथा 20 मार्च, 1351 ई. को उसकी मृत्यु हो गई. बदायूँनी लिखता है-
“और इस तरह राजा अपनी प्रजा से मुक्त हुआ और प्रजा अपने राजा से मुक्त हुई.”
मुहम्मद बिन तुगलक (1325-51 ई.) Muhammad bin Tughluq In Hindi
When I’ll get married?
My date of birth is 20th March 1983
Birth time 4:00am
Birth place uttrakhand