भूगोल

प्राकृतिक श्रोत (Natural Sources) | भूगर्भ - पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth)

प्राकृतिक श्रोत (Natural Sources) | भूगर्भ – पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth)

(1) ज्वालामुखी-क्रिया (Volcanic Activities) :  जब कभी भी ज्वालामुखी के उद्गार की प्रक्रिया शुरू होती है उस समय पृथ्वी के अन्दर से गर्म और तरल लावे की धरती पर आगमन शुरू हो जाता है जो कि वहां विशाल मैमा भण्डार के रूप में स्थित है.  यह इस बात का प्रमाण है कि पृथ्वी की गहराई […]

प्राकृतिक श्रोत (Natural Sources) | भूगर्भ – पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth) Read More »

पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बधित सिद्धान्तों के साक्ष्य (Evidences from the theories of the origin of the Earth)

पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बधित सिद्धान्तों के साक्ष्य (Evidences from theories of the origin of the Earth)

पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बधित सिद्धान्तों के साक्ष्य (Evidences from the theories of the origin of the Earth)- अलग-अलग विधानों ने पृथ्वी की उत्पत्ति की समस्या के हल होते हुए उसका मूल रूप ठोस, वायव्य और तरल भाग माना है. चैम्बरलीन की ग्रहाणु परिकल्पना (Planetesimal Hypothesis) के अनुसार पृथ्वी ठोस ग्रहाणुओ के एकत्रित होने से बनी

पृथ्वी की उत्पत्ति से सम्बधित सिद्धान्तों के साक्ष्य (Evidences from theories of the origin of the Earth) Read More »

पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth) अप्राकृतिक स्रोत (Artificial Sources)

अप्राकृतिक स्रोत (Artificial Sources) | पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth)

अप्राकृतिक स्रोत (Artificial Sources) | पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth) घनत्व (Density) अप्राकृतिक स्रोत भू-वैज्ञानिकों के अनुसार पृथ्वी का ऊपरी भाग परतदार शैलों (Rocks) का बना है जिसकी औसत 8.45 किमी. तक पाई जाती है. इस परतदार सतह के नीचे पृथ्वी के चारों ओर रवेदार अथवा स्फटिकीय शैल (Crystalline Rocks) की एक दूसरी

अप्राकृतिक स्रोत (Artificial Sources) | पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth) Read More »

भूआकृति विज्ञान (Geomorphology) भूगर्भ - पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth)

भूगर्भ – पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth)|भूआकृति विज्ञान (Geomorphology)

भूआकृति विज्ञान (Geomorphology) भूगर्भ – पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth)–पृथ्वी की आंतरिक संरचना से तात्पर्य उसकी आन्तरिक बनावट से है. पृथ्वी की संरचना विभिन्न परतों से हुई है, जो प्याज के छीलके की तरह एक दूसरे के ऊपर स्थित हैं. पर विभिन्न रासायनिक पदार्थों से बनी है और इन परतों का विकास पृथ्वी की उत्पत्ति

भूगर्भ – पृथ्वी का आंतरिक भाग (Interior of the Earth)|भूआकृति विज्ञान (Geomorphology) Read More »

पृथ्वी का भूगर्भिक इतिहास (Geological History of the Earth)

पृथ्वी का भूगर्भिक इतिहास (Geological History of the Earth in Hindi)

पृथ्वी का भूगर्भिक इतिहास (Geological History of the Earth)– पृथ्वी का सम्पूर्ण इतिहास  पृथ्वी की आयु निर्धारण के बाद समस्या उठती है कि उत्पत्ति-काल से कर वर्तमान काल तक पृथ्वी किन-किन दशाओं से होकर गुजरी है. यदि पृथ्वी की विभिन्न परतों, उनमें पायी जाने वाली चट्टानों, जीव-विकास आदि का अध्ययन किया जाए तो यह निष्कर्ष

पृथ्वी का भूगर्भिक इतिहास (Geological History of the Earth in Hindi) Read More »

ग्रहण क्या होता है ? ( What is Eclipse)

ग्रहण क्या होता है ? चन्द्र ग्रहण,सूर्य ग्रहण( What is Eclipse in Hindi)

ग्रहण क्या होता है ?चन्द्र ग्रहण,सूर्य ग्रहण ( What is Eclipse) –पृथ्वी, चन्द्रमा और सूर्य की गतियों के कारण जब सूर्य और चन्द्रमा के प्रकाशमय भाग का कुछ अंश थोड़ा समय के लिए अन्धकारमय हो जाता है. तो उसे ग्रहण कहते हैं. चन्द्र ग्रहण (Lunar Eclipse) जब पृथ्वी और चन्द्रमा की सूर्य के चारों ओर

ग्रहण क्या होता है ? चन्द्र ग्रहण,सूर्य ग्रहण( What is Eclipse in Hindi) Read More »

पृथ्वी के सौर्यिक सम्बन्ध (Planetary Relations of the Earth)

पृथ्वी के सौर्यिक सम्बन्ध (Planetary Relations of the Earth in Hindi)

पृथ्वी के सौर्यिक सम्बन्ध (Planetary Relations of the Earth)–पृथ्वी सौरमण्डल के ग्रहों में से एक प्रमुख और अनोखा ग्रह है क्योंकि केवल इसी पर विविध प्रकार के पेड़-पौधों और जीव-जन्तुओं के विकास और जीवन के लिए उपयुक्त परिस्थितियां पाई जाती हैं. सौरमण्डल के सारे ग्रह अपनी धुरी पर अपने चारों ओर सूर्य का चक्कर लगाते

पृथ्वी के सौर्यिक सम्बन्ध (Planetary Relations of the Earth in Hindi) Read More »

पृथ्वी की उत्पत्ति और विकास (Origin and Evolution of Earth)

पृथ्वी की आयु | भूगोल (Age of Earth in Hindi | Geography )

पृथ्वी की आयु (Age of Earth)– पृथ्वी के निर्माणकाल का विषय भी इसकी उत्पत्ति की तरह रहस्यपूर्ण है. विभिन्न विद्वानों ने अपने प्रयोगों तथा तर्कों के आधार पर पृथ्वी की आयु की वास्तविक गणना करने का प्रयास किया है. लेकिन इनके परिणाम एक न होकर भिन्न-भिन्न हैं. आज के वैज्ञानिक और तकनीकी आ की उपलब्धियों

पृथ्वी की आयु | भूगोल (Age of Earth in Hindi | Geography ) Read More »

पृथ्वी का विकास (Evolution of Earth)

पृथ्वी का विकास,धरातल के प्रमुख लक्षण (Evolution of Earth in Hindi)

पृथ्वी का विकास (Evolution of Earth)– अनेक अवस्थाओं से गुजरकर पृथ्वी ने वर्तमान रूप धारण किया है. भंवर गति से घूमते हुए धूल और गैस के गोले से पृथ्वी द्रव अवस्था में पहुंच गई. हल्के पदार्थ नीचे गहराई से निकलकर इसकी आग्नेय सतह पर उतरने लगे. फिर वे ठंडे होकर कठोर बन गए. इस प्रकार

पृथ्वी का विकास,धरातल के प्रमुख लक्षण (Evolution of Earth in Hindi) Read More »

पृथ्वी की उत्पत्ति वैज्ञानिक संकल्पना (Origin of Earth Scientific Concept)

पृथ्वी की उत्पत्ति वैज्ञानिक संकल्पना (Origin of Earth Scientific Concept in Hindi)

पृथ्वी की उत्पत्ति वैज्ञानिक संकल्पना (Origin of Earth Scientific Concept)–इसके अन्दर कास्तेद बफन का नाम सबसे पहले आता है जिन्होंने 1749 में इस सम्बन्ध में अपना मत दिया था. इसके बाद अनेक विद्वानों ने अपने-अपने मत दिए, जिससे आज तक अनेक परिकल्पनाओं तथा सिद्धान्तों का प्रतिपादन हो चुका है, परन्तु किसी भी मत को पूर्णरूप से

पृथ्वी की उत्पत्ति वैज्ञानिक संकल्पना (Origin of Earth Scientific Concept in Hindi) Read More »

Scroll to Top